
Exclusive Report –
मोस्टवांटेड सुपारी किलर नवीन यादव गिरफ्तार मकई की खेत में छुपा था अपराधी नवीन…
पुलिस ने बड़ी घेराबन्दी कर आत्मसमर्पण के लिए अपराधी को किया मजबूर….
हथियार और गोली भी बरामद…
पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी…
इलाके के लोगों ने भी ली राहत की सांस हत्या,अपहरण सहित कई संगीन मामले में पुलिस को थी उसकी तलाश..
बीते पांच वर्षों से कोसी के आतंक के रूप में जाने वाले सुपारी किलर नवीन यादव को आखिरकार सहरसा पुलिस ने दबोचने में कामयाबी पा ही ली । रूपये की खातिर सिर्फ गोली और बारूद की भाषा समझने वाले नवीन यादव ने बीते कुछ महीने में ह्त्या, अपहरण सहित कई संगीन अपराध को अंजाम दिया था ।सहरसा पुलिस के पसीने छूट रहे थे और वह अपराध दर अपराध की घटनाओं को अंजाम देकर फरार होता रहा था । बीते दिनों इसके एक साथी अमित झा पुलिस इनकाउंटर में मारा जा चुका था जबकि कई साथियों को पुलिस ने दबोचने में कामयाबी पायी थी ।
बीती रात पुलिस अधीक्षक अश्वनी कुमार को गुप्त सूचना मिली की नवीन यादव सहरसा के सोनवर्षा राज क्षेत्र में किसी के यहां ठहरा हुआ है ।आज अहले सुबह पुलिस कप्तान अश्वनी कुमार,सदर एसडीपीओ सुबोध विश्वास, मुख्यालय डीएसपी गणपति ठाकुर के नेतृत्व में कई थानों के थानाध्यक्ष सहित सौ से अधिक जवानों ने नवीन के छुपने की जगह वाले इलाके की घेराबन्दी कर ली ।नवीन घर से निकलकर मकई की खेत में छुप गया ।
पुलिस ने मकई खेत को चारों तरफ से घेर कर काफी दबिश बनाई ।घंटों लुका–छिपी का खेल चलता रहा । जब नवीन को यह लगा की अब उसे पुलिस इनकाउंटर कर के मार गिराएगी,उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया ।नवीन के पास से पुलिस ने पिस्तौल के साथ एक दर्जन गोलियां भी बरामद की है ।नवीन को गिरफ्त में लेने के दौरान और लेने के बाद पुलिस ने आक्रोश में उसकी जमकर धुनाई भी की ।नवीन की गिरफ्तारी के बाद उसे सदर अस्पताल लाकर,उसका ईलाज भी कराया गया ।फिलवक्त नवीन सदर थाने में बंद है,जहां पुलिस उससे कड़ी पूछताछ के बाद जेल भेजेगी ।
जाहिर तौर पर पुलिस के लिए यह एक कालजयी कामयाबी है ।
इस मुहीम के लिए जिले के पुलिस कप्तान अश्वनी कुमार सहित उनकी टीम के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं ।पुलिस के इस कारनामे के लिए उसकी जितनी तारीफ़ की जाए और पीठ थपथपाई जाए,वह कम है ।
खाकी की खोयी हुयी हनक एक कारनामे से कतई वापिस नहीं हो सकती ।लेकिन वर्षों से दामन पर कई दाग लेकर फिरने वाली सहरसा पुलिस पर इस कामयाबी के बाद,आमलोगों का भरोसा जरूर बढ़ेगा ।आखिर में हम ताल ठोंक कर कहते हैं की महीना,हफ्ता और रोजाना वसूली के लिए बदनाम सहरसा पुलिस के लिए यह कामयाबी,एक संजीवनी की तरह है ।