मनीष कुमार बने NSUI के राष्ट्रीय प्रतिनिधि….
चन्दन सिंह की रिपोर्ट—- भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन NSUI के संगठनीक चुनाव मे बिहार प्रदेश NSUI कमिटी से राष्ट्रीय प्रतिनिधि पद पर निवर्तमान प्रदेश महासचिव मनीष कुमार ने जीत हासिल किया । NSUI के प्रदेश निर्वाचन अधिकारी अजीत सिंह ने बुधवार के देर शाम NSUI के राष्ट्रीय कार्यालय के बेवसाइट पर चुनाव परिणाम जारी किया जिसमे मनीष कुमार ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 85 के मुकाबले 212 मत लाकर विजय प्राप्त किया । NSUI के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम पटना में प्रदेश अध्यक्ष चून्नु सिंह ने नव निर्वाचित राष्ट्रीय प्रतिनिधि बनने पर मनीष कुमार को माला पहना कर उनका स्वागत किया ।
मनीष कुमार मुल रूप से सहरसा जिला अन्तर्गत महिषी प्रखंड के सरौनी निवासी है जो कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा से एलएलबी फाइनल इयर के छात्र हैं और विश्वविद्यालय समेत पूरे बिहार मे एक आंदोलनकारी छात्र नेता के रूप में उनकी पहचान है ।
वर्ष 2009 मे एमएलटी कॉलेज सहरसा से NSUI के कॉलेज अध्यक्ष के रूप में छात्र राजनीति की शुरूआत करने वाले मनीष अपने छात्र राजनीति के प्रवेश वर्ष में ही छात्र–छात्राओं की समस्या पर कई आंदोलन करने कारण काॅलेज प्रशासन के द्वारा उनपर 2011 में मुकदमा भी किया गया जिसमें तकरीबन ढ़ाई महीने उन्हें जेल मे भी रहना पड़ा था ।
इसके बाद लगातार दो बार NSUI के आंतरिक चुनाव मे प्रदेश सचिव और महासचिव पद से चुनाव जीत कर राज्य और विश्वविद्यालय के छात्र–छराओं की समस्या पर लगातार आंदोलनरत रहे हैं ।
ज्ञातहो कि गत वर्ष 2016 में “बीएनएमयू बचाओ आंदोलन” के रूप मे विश्वविद्यालय के कई ज्वलंत और गंभीर समस्याओं पर 1 माह के अंतराल पर पहले 13 दिन फिर 15 दिनों के मैराथन आमरण अनशन कर बीएनएमयू प्रशासन को झुकने के लिए मजबूर कर दिया था ।
बताते चलें की मनीष कुमार छात्र राजनीति के इतर सामाजिक गतिविधियों में भी बढ़–चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं । राष्ट्रीय प्रतिनिधि के तौर पर निर्वाचित हुए मनीष कुमार ने कहा कि यह जीत हमारे साथ संघर्ष करने वाले हर साथी का जीत है और ईमानदारी पूर्वक निस्वार्थ भावना से लगातार शोषित–पीड़ित छात्र–छात्राओं के हक-हुकूक के लिए आवाज उठाना ही उनका धर्म होगा ।
उन्होंने कहा की समाजसेवा मेरे लिए पूजा के समान है जिसे मैं पूर्ण आस्था विश्वास के साथ करता हूँ जिससे हमे सुकून मिलता है ।और इसी सेवा को मै राजनीति मानता हूँ जिसे मै निरंतर करता रहूँगा ।