
चन्दन सिंह की रिपोर्ट ====== आज 14 फरवरी मौका वैलेंटाइन डे का है. वैलेंटाइन डे को मोहब्बत करने वालों का दिन माना जाता है लेकिन सोशल मीडिया पर इस दिन को लेकर एक नई दखल शुरू हो चुकी है. सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है की आज दिन को वैलेंटाइन डे के तौर पर मनाया जा रहा है वो तो शहीदी दिवस है जिस दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गई थी? सोशल मीडिया पर इस तरह का गलत संवाद वायरल कर लोगों को दिगभ्रमित किया जा रहा है जिससे लगता है की भारत का इतिहास सही में खतरे से गुजर रही है.
23 मार्च 1931 को शाम में करीब 7 बजकर 33 मिनट पर भगत सिंह तथा इनके दो साथियों सुखदेव व राजगुरु को फाँसी दे दी गई। फाँसी पर जाने से पहले वे लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे और जब उनसे उनकी आखरी इच्छा पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वह लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे और उन्हें वह पूरी करने का समय दिया जाए। कहा जाता है कि जेल के अधिकारियों ने जब उन्हें यह सूचना दी कि उनके फाँसी का वक्त आ गया है तो उन्होंने कहा था- “ठहरिये! पहले एक क्रान्तिकारी दूसरे से मिल तो ले।” फिर एक मिनट बाद किताब छत की ओर उछाल कर बोले – “ठीक है अब चलो।”