सहरसा

सिस्टम का बेशर्म मजाक और करतूत

सिस्टम का बेशर्म मजाक और करतूत

दो दिनों से नहीं उपलब्ध कराए वाहन,तो मासूमों के साथ पैदल ही चल पड़े गाँव

बीते दो दोनों से अपनी सारी जाँच पूरी करवाकर,बिहार के सहरसा स्टेडियम में पड़े हरियाणा,चंडीगढ़ और दिल्ली से आये प्रवासी मजदूरों को जब उनके गाँव जाने के लिए जिला प्रशासन ने वाहन नहीं दिए और उन्हें स्टेडियम से यह कहकर भगा दिया कि आपलोग अपनी सुविधा से अपने घर जाएं ।लाचार और बेबस मजदूरों के पास कोई विकल्प नहीं रहा ।इन प्रवासी मजदूरों का पूरा परिवार जिसमें महिलाएं और मासूम नौनिहाल हैं,वे सभी सिस्टम की बेरुखी और दादागिरी की वजह से वाहन के अभाव में पाँव पैदल ही सहरसा के काशनगर गाँव जा रहे हैं ।सहरसा जिला मुख्यालय से काशनगर की दूरी 45 से 50 किलोमीटर है ।आखिर इस लापरवाही और मनमानी को क्या नाम दें ?सरकार और सिस्टम की निर्लज्जता की यह तस्वीर, सरकार के कोरोना से लड़ने की सारी पोल-पट्टी खोल रही है ।

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