सहरसा टाईम्स - Saharsa Times

बहुचर्चित ‘आसरा शेल्टर होम’ की एक और संवासिनी की हुई मौत

(आभार विनायक विजेता जी वरिष्ठ पत्रकार, पटना) :: लगभग पच्चीस दिनों पूर्व दो संवासिनों की मौत के बाद चर्चा में आया आसरा शेल्टर होम की एक 22 वर्षीय संवासिनी की भी शुक्रवार को पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई। अनामिका नाम की इस संवासिनी को गंभीर स्थिति में पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। इधर इसी होम से दो संवासिने रहस्यमय ढंग से बुधवार की रात गायब हो गई जिनका सुराग नहीं मिल सका है।

गौरतलब है कि पूर्व में दो संवासिनों के मरने के बाद इस आसरा होम की संचालिका सह कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल और सचिव चिरंतन कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था जो अबतक जेल में हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद सरकार ने इस आसरा होम की मदर एनजीओ ‘अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन’ का निबंधन रद्द कर दिया था।

मनीषा दयाल उर्फ मिली की काफी ऊपर तक पहुंच है और उसके सम्बंध कई राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स से हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद इस आसरा होम के संचालन का जिम्मा राज्य सरकार ने खुद ले लिया था। इस आसरा होम मेंचौबीसो घंटे पुलिस और गार्ड की ड्यूटी रहती है उसके बावजूद दो संवासिने कैसे गायब हो गई और एक संवासिनी की पुन: मौत कैसे हो गई इस पर रहस्य बरकरार है। चर्चा है कि मनीषा दयाल को बचाने के लिए ही दो संवासिनों को गायब कर दिया गया ताकि वे पुलिस के सामने किसी तरह का बयान मनीषा के खिलाफ नहीं दे सकें।

इधर समाज कल्याण सह शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने इन दोनों मामलों को गंभीरता से लेकर समाज कल्याण विभाग से इस पर जबाव तलब किया है। उन्होंने ‘खबर मंथन’ को बताया कि इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन्हें बख्सा नहीं जाएगा। इस आसरा होम में दो दिनों के अंदर हुई इन दोनों घटनाओं ने बिहार में विपक्ष को नीतीश सरकार पर हमला करने का एक और मौका दे दिया है। इधर इस मामले में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि मनीषा और चिरंतन का कोई निकट सहयोगी पर्दे के पीछे से लंबा खेल, खेल रहा है। वह व्यक्ति जो भी हो वह बेधड़क आसरा शेल्टर होम में आ-जा भी रहा है। आसरा शेल्टर होम के आसपास रहने वाले लोग भी इस मामले को एक लंबी साजिश करार दे रहे हैं।

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