सहरसा टाईम्स - Saharsa Times

अनशन पर कार्यपालक सहायक अभ्यर्थी, एक की हालत बिगड़ी

भूख हड़ताल में शामिल संविदा कर्मियों का एलान,

नियोजन के बदले कुछ नहीं चाहिए

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट —– बीते 14 सितंबर से शुरू इस अनशन में वे कार्यपालक सहायक अभ्यर्थी शामिल हैं जो सरकार के हर मानक और कसौटी पर खड़े उतरे और सरकारी पैनल में इनका नाम दर्ज हुआ, लेकिन किसी विभाग में रिक्ति नहीं होने की वजह से इनका नियोजन नहीं हो सका।

इनकी कुल संख्यां 170 है। ये वर्ष 2014 से नियोजन के इंतजार में हैं। अभी पंचायती राज्य विभाग में 156 पद की रिक्ति आयी है, तो ये नियोजन के लिए सामने आए। लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी इन्हें बरगलाकर बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं।

2014 में बने कार्यपालक सहायक के पैनल से कुछ कार्यपालक सहायक को विभिन्न कार्यालयों में नियुक्त किया गया लेकिन शेष आज भी इंतजार कर कर के थक गया है और मजबूरी में ये अनशन के लिए बाध्य हुए हैं। चार अनशनकारी की स्थिति बेहद खराब है थी जिसमे आज एक अनशनकारी को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

इस नियुक्ति में सरकारी स्तर से कई खामियां भी भी हम सीधे तौर से जिला प्रशासन को कही से दोषी नही ठहरा सकते है. सरकार इन संविदा कर्मी को हेमशा हासिय पर रखा है. एक तरफ विभिन्न विभाग में पद सृजित कर पैनल बनाने हेतु आदेश निर्गत करता है जब जिला प्रशासन के द्वारा पैनल बना लिया जाता है तब नियुक्ति को रद्द करने का आदेश निर्गत होता है. जिस कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई है.

सूत्र के अनुसार इसी पैनल से जिले के सभी थाना में एक एक कार्यपालक सहायक को नियुक्त किया गया लेकिन छ: माह कार्य लेने के बाद उसे भी कार्यमुक्त कर दिया गया. इस तरह की समस्या सिर्फ सहरसा जिले में नहीं है बल्कि स्टेट स्तर से इस तरह का खेल खेला जाता है.

 

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