
जवाहर चौधरी की रिपोर्ट मधेपुरा— एक सप्ताह पूर्व चौसा प्रखंड के फुलौत से अपहृत शंहशाह सिंह की लाश मकई खेत में मिलने से फुलौत में सनसनी फ़ैल गई। चौसा की यह दूसरी घटना है जब किसी व्यक्ति की हत्या कर शव को फेंक दिया गया है। बीते मंगलवार को ही चौसा के अरजपुर से एक लाश बरामद की गई थी। फुलौत में लाश मिलने की सुचना मिलते ही आम लोग आक्रोशित हो गये और सभी लोग फुलौत ओपी को निशाना बनाते हुए पत्थर बाजी करने लगे। इस दौरान कई पुलिसकर्मी और मीडिया कर्मी घायल हो गये।
आक्रोशित लोग ग्रामीण पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, ओपी अध्यक्ष को बर्खास्त करो सम्बन्धी नारे लगा कर फुलौत ओपी पर घंटों बवाल काटा। माहौल काफी तनाव पूर्ण देखने को मिला हर लोग आक्रोशित दिख रहे थे। हर लोग हत्या में पुलिस की लापरवाही को बता रहे थे। अपहरण और हत्या का कारण क्या था इसकी मुख्य वजह का पता नहीं चल पाया। मामला को तनाव पूर्ण रहने की सुचना पर अनुमण्डल पदाधिकारी जियाउल हसन और डीएसपी अरुण कुमार दुबे कई थानों की पुलिस के साथ फुलौत पहुँच कर किसी तरह मामला को शांत कराया। आक्रोशित लोग पुलिस की घोर लापरवाही से हत्या होने की बात प्रखर रूप से की। पुलिस ने सड़ी गली अवस्था में मृतक का शव बरामद कर लिया। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक विकास कुमार स्वयं फुलौत पहुँच कर वस्तु स्थिति की जानकारी ली और ओपी अध्यक्ष राजेश कुमार को हटा कर नए ओपी अध्यक्ष के रूप में सुनील कुमार भगत को नियुक्त किया है।
परिजनों का आरोप था कि बार-बार ओपी अध्यक्ष को कहे जाने के बावजूद हमारे अपहृत शहंशाह की खोज बिन नहीं किया उल्टे अभद्र ब्यवहार करते हुए कहता था कि तुम अपने बेटे को दिल्ली भेज दिए हो और शरीफ आदमी पर झूठ अपहरण का मामला दर्ज कराते हो।जबकि एक नंबर 8757440109 से बार-बार पीड़ित परिजन को धमकी भरे कॉल आते थे। उस नंबर के बारे में भी ओपी अध्यक्ष राजेश कुमार को नंबर दिया गया और अपना मोबाइल भी दिखाया गया ।कार्रवाई करने के बजाय ओपी अध्यक्ष ने मोबाइल जप्त कर लिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी आक्रोश में ग्रामीणों ने फुलौत ओपी को तोड़-फोड़ किया गया। आक्रोश को देख फुलौत ओपी कर्मी किसी तरह जान बचा कर भाग निकले। ग्रामीण ने मीडिया के ऊपर भी हमला किया जिससे एक मीडिया कर्मी बुरी तरह जख्मी हो गया।