*रेफर अस्पताल की बदहाली को लेकर एक दिवसीय धरना

राजा कुमार की रिपोर्ट—- सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के चन्द्रायन रेफरल अस्पताल में बेहतर सुबिधा देने को लेकर नवहट्टा के जिला पार्षद नीतू दास ने सैकड़ो ग्रामीणों के साथ एक दिवसीय धरना दिया। 1995 में बने चन्द्रायन रेफरल अस्पताल आज जर्जर हो चुका है।
कोशी के गोद मे यह अस्पताल को आज कोई नेता व् पदाधिकारी देखने वाला नही है। छोटी सी छोटी बीमारियों को लेकर लोगों को 20 किलो मीटर दूर सहरसा सदर अस्पताल जाना पड़ता है। अस्पताल का भवन इतना बिगर चूका है की कभी भी एक बड़ा हादसे हो सकता है। जिला पार्षद नीतू दस ने कहा कि 22 साल पूर्व रेफरल अस्पताल का उद्धघाटन किया गया था , लेकिन आज तक कोशी पीड़ित गरीब व् लाचार लोगों को रेफरल के नाम पर बेबकुफ बनाया जा रहा है ।
पूर्व जिला पार्षद प्रवीण आनंद जी ने कहा की जमीन पर अस्पताल नही है बल्की कागजात पर है और पुरे गांव को भी जानकारी दी गई की आप लोगों को पता है की इस रेफरल अस्पताल में कितने डॉक्टर है चार डॉक्टर है लकिन आज तक देखे है तो सैकड़ो समर्थकों ने बताया की नही है मालूम । लकिन भेंस चारी के लिए कभी-कभी ग्राउंड में आते थे तो एक साहेब को कुर्शी पर बैठे हुए देखते थे ।
कहने के लिए तो नवहट्टा में अस्पताल है और चार डॉक्टरो भी है । डॉक्टरों की भर्ती भी है अस्पताल में लकिन एक डॉक्टर के भरोसे रेफरल अस्पताल किसी-किसी तरह चल रहा है। धरना के समर्थन में खगड़िया के समाज सेवी बाबू लाल सौर्य, भाजपा नेता प्रवीण आनंद,जिला पार्षद नीतू दास सैकड़ो समर्थकों थे