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तीन तालाक बिल का महिलाओं ने किया विरोध

रैली आयोजित कर बिल को वापस लेनें की मांग…

सहरस टाईम्स की रिपोर्ट—- तीन तलाक बिल के खिलाफ जिला मुख्यालय में मुस्लिम महिलाओं ने बुधवार को एक खामोश रैली निकाली। रैली में शामिल होने के लिए सुबह से ही पटेल मैदान में  महिलाओं की जुटान शुरू हो गयी। महिलाएं हाथों में तीन तलाक बिल वापस लो लिखी तख्ती लिए विभिन्न चौक-चौराहों से होते हुए रैली स्थल पहुचीं ।

वहीं इस मौके पर कई महिलाओं व पुरुष अपने हाथों में तिरंगा झंडा थामे थे। मुस्लिम युवा सड़क के दोनों किनारों पर हाथ से हाथ थामे खड़े थे। समाहरणालय पहुंचने के बाद महिलाओं के प्रतिनिधमंडल ने डीएम को राष्ट्रपति के नाम एक आवेदन ज्ञापन सौंपा। इसमें तीन तलाक बिल को वापस लेने की मांग की गयी थी ।

प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व डॉ० हिना फारूकी ने किया,प्रतिनधि मंडल में डॉ० कौकब सुल्ताना,महजबी नाज,मुसर्रत प्रवीण, जीनत प्रवीण, फरहत जबिनाज एवं रेहाना खातून,ज़िला परिषद रोजी खान शामिल थी । प्रतिनिधमंडल के सदस्यों ने कहा कि सरकार ने तीन तलाक बिल ला कर मुस्लिम महिलाओं के साथ अत्याचार किया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर इस्लाह ए मुआशरा व तहफ्फुज ए शरीयत कमिटी के बैनर तले मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं शरीयत के कानून में किसी प्रकार का बदलाव करने का अधिकार सरकार को नहीं देंगी।

तीन तलाक सामाजिक मुद्दा है। सरकार इसे आपराधिक बनाना चाहती है। महिलाओं ने कहा कि तीन तलाक बिल से महिलाओं और बच्चों को अधिक परेशानी होगी। पुरुष अगर तलाक देने के बाद तीन साल के लिए जेल चले जाएंगे तो परिवार की महिलाओं और बच्चों का खर्च कैसे चलेगा! जेल से बाहर निकलने के बाद पुरुष महिलाओं और बच्चों का ध्यान भी नहीं रखेंगे ।प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अगर सरकार तीन तलाक बिल को वापस नहीं लेती है, तो महिलाएं इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट तक पैदल मार्च कर अपनी बात रखेंगी।

इधर, रैली को लेकर शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मंच की अध्यक्षता डॉo हिना फारूक ने की जबकि मंच संचालन सबीहा रहमानी ने किया ।सभा को संबोधित करते हुए डॉ० हिना फारूक ने कहा कि इस बिल की तैयारी में किसी मुस्लिम धार्मिक विद्वान एवं इस्लामी बुद्धिजीवी से राय नही ली गयी।

जबकि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ऐसे किसी बिल की जरूरत नही थी। इस मौके पर डॉ० कौकब सुल्ताना,महजबीन नाज,नौशाबा अब्दुल,उजमा रहमत,महजबीन नूरी,अनवरी प्रवीण, मुसर्रत प्रवीण, फरहत जबीं नाज,जिनत प्रवीण, प्रो० सूफिया रूखसाना, रेहाना खातून,नौशीन अब्दुल कय्यूम,सफिया मोती आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए तीन तलाक बिल का पुरजोर विरोध किया ।सभा को सफल बनाने में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य डॉ० अबुल कलाम,प्रो० ताहिर,महबूब आलम(जिबु),डॉ० तारिक,मो० आज़ाद,शोएब सानू,फिरोज आलम,मोहिउद्दीन,अख्तर अली,इस्लाम मुखिया,शहजाद आलम उर्फ सज्जू, जियाउद्दीन,हक साहब,इम्तियाज़ हन्नी,मोजफ्फर आलम,गुड्डू जमाल,सिब्बू राईन,डॉ० महबूब आलम,डॉ० अबु सालेह,डॉ० मोइज उद्दीन,डॉ० अफगान,अंजुम हुसैन,चांद आलम,मंजूर आलम,सैफ रहमान सहित दर्जनों युवक सक्रिय रहे ।

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