निरंजन कुमार की रिपोर्ट(सिमरी बख्तियारपुर) —– प्रखंड के माहखर पंचायत अंतर्गत हुसैन चक में अजीमोशान आम पैगाम इंसानियत व दस्तार बंदी व एक दिवसीय जलसा का आयोजन किया गया. जलसा का आगाज तेलावत कलाम पाक नितिन नसीर अहमद ने किया. मंच का संचालन मौलाना मोहिबुल्ल साहब कासमी ने किया. जलसा में जिले से हज़ारों हजरात का जनसैलाब उमड़ पड़ा जो अपने आप में एक अदभुत दृश्य था. देश के कोने-कोने से आये इस्लामिक विद्द्वानों ने अपने परवचन से पूरी रात समाबंधा।
पटना ईमारत शरिया से आये मुफ़्ती सईदूरहमान साहब दो घण्टे की अपनी तकरीर में मुस्लमानों के आखरी दूत नबी हज़रत मोहम्मद साहब की आइडियल जीवन का व्यख्या करते हुए कहा कि आज के मुसलमान अपने नबी के फरमान को भूल बैठा है। शादी विवाह में दहेज़ जैसे घिनौने कार्य में शामिल है. फिर उस के बाद तलाक के विषय पे बोलते हुए कहा कि तलाक जैसे शब्द को मुसलमान अपने मुंह से निकालने से पहले एक बार अवश्य सोचे की उसकी मां, बहन, भी किसी के घर में हैं अगर यही घटना उसके किसी अपने के साथ घटे तो कैसा महसूस होगा। उन्होंने शिक्षा पे जोड़ देते हुए कहा कि शिक्षा मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है शिक्षा एक ऐसी चीज़ है जो इंसान को इंसान बनादेता है ।
आखिर में दर्शकों से हाथ उठवाकर वचन लिया की दहेज़ जैसे रोग को अपने नज़दीक नहीं आने देंगे और तलाक का शब्द भी कोई प्रयोग नहीं करेगा. काजी हुसेन साहब ने कहा कि मुसलमान अपना जीवन नबी मोहम्मद साहब के बताये हुए तरीके पे बिताये तो मरने से पहले और मरने के बाद का जीवन सफल होगा । मुलमानों का व्योहार ही उसकी पहचान होनी चाहिए चाहे वह किसी भी धर्म के लोगों से भी धर्म के लोगों से मिले। इतिहासिक धरती का परिचय करवाया और महात्मा गांधी का रचनात्मक कार्यों का ब्यख्या किया.
इस अवसर पर मुफ़्ती नसीर अहमद मौलाना हाजी रुस्तम अली रईसद्दीन अशफाक आलम जहूर आलम शमशुल हुदा मोहिब्बुल साहब कासमी हजरत मौलाना मुफ्ती सईदुरहमान काजी हजरत मौलाना मुफ्ती काजी हुसैन साहब तेयबुल कासमी बातिन फैजी डॉ अब्दुल कलाम मुखिया शगुफ्ता परवीन समाजसेवी फिरोज आलम राजा जिला अध्यक्ष जफ़र आलम अनुभव आरिफ हुसैन सरवर आलम सरफराज मिनहाज यूसुफ साहब सहित हजारों की संख्या में जलसा मैं लोग उपस्थित थे