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कोसी की दुर्दशा के लिए सत्ता- विपक्ष जिम्मेदार: किशोर कुमार

SAHARSA TIMES :: पूर्व विधायक एवं जन सुराज पार्टी के प्रदेश महासचिव श्री किशोर कुमार ने आज सहरसा में प्रेस कांफ्रेंस कर सहरसा समेत प्रदेश की दुर्दशा पर कई गंभीर सवाल उठाये और कहा कि मौजूदा दौरा में जन सुराज पार्टी ही प्रदेश के समेकित विकास का विकल है।

किशोर कुमार ने कहा कि बिहार में विकास और सुशासन के तमाम दावों के बावजूद आम जनता की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। जंगल राज से लेकर तथाकथित सुशासन राज तक, समय बदला, सत्ता बदली, लेकिन जनता की दुर्दशा जस की तस बनी रही। आज भी इंस्पेक्टर राज कायम है, जहाँ आम लोगों की आवाज़ प्रशासन और सरकार के भारी-भरकम आंकड़ों और खोखले दावों में दबकर रह जाती है।

शिक्षा व्यवस्थाः ढांचा कमजोर, बहाली में घोटाले

उन्होंने कहा कि सहरसा समेत कोसी क्षेत्र में शिक्षा की हालत बद से बदतर होती जा रही है। सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में सही ढंग से पढ़ाई नहीं हो रही। शिक्षक बहाली पैसे लेकर की जा रही है और युवाओं को सिर्फ डिग्री प्रदान करने वाली शिक्षा दी जा रही है, जिससे वे रोजगार के काबिल नहीं बन पा रहे हैं। सरकार चाहे तो नेताओं और अफसरों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का नियम अनिवार्य करे, जिससे असलियत सामने आ जाए।

रोजगार के अवसरः बेरोजगारी बढ़ी, सरकारी नौकरियों पर ताला

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में सरकारी नौकरियों की भारी कमी है। केंद्र और राज्य सरकारों ने लाखों पद खाली छोड़ रखे हैं। मोदी सरकार ने तो नौकरियां निकालने से ही तौबा कर ली है, वहीं नीतीश सरकार में भर्ती घोटालों की भरमार है। पेपर लीक अब बिहार की पहचान बन गया है, जिससे बीपीएससी, सिपाही भर्ती, दरोगा और शिक्षक बहाली तक प्रभावित हो रही है। प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से लाखों युवा अपने भविष्य से खिलवाड़ होते देख रहे हैं।

स्वास्थ्य सेवाः सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा, निजी अस्पतालों की मनमानी

किशोर कुमार ने कहा कि जिला अस्पतालों में न तो विशेषज्ञ डॉक्टर हैं, न ही आधुनिक उपकरण। मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों में महंगे इलाज के लिए जाना पड़ता है, जो अधिकतर नेताओं, ठेकेदारों और रसूखदारों के हैं। गाँवों में स्वास्थ्य सुविधाएँ आज भी न के बराबर हैं।

कानून व्यवस्थाः अपराध चरम पर, प्रशासन मूकदर्शक

कोसी क्षेत्र में हर दिन हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएँ हो रही हैं, लेकिन प्रशासन अपराधियों के आगे नतमस्तक नजर आता है। कानून सिर्फ आम जनता और विरोधियों पर लागू होता है, लेकिन असली अपराधी बेफिक्र घूमते हैं। उक्त बातें पूर्व विधायक ने कहीं।

बिहार का खोखला विकास और राजनीतिक नाटक

उन्होंने कहा कि आज चुनाव के समय डबल इंजन सरकार के नेता प्रगति यात्रा पर हैं, तो विपक्ष के युवराज खेतों से गोभी खरीदकर अपनी छवि चमका रहे हैं। लेकिन जब इन्हें जनता के लिए कुछ करने का मौका मिला, तो इन्होंने बिहार की बदहाल व्यवस्था को सुधारने की कोई कोशिश नहीं की।

भ्रष्टाचार चरम पर, प्रशासन में सिर्फ वसूली और बंदरबांट

पूर्व विधायक ने कहा कि शून्य भ्रष्टाचार नीति का दावा करने वाली सरकार में ट्रांसफर-पोस्टिंग की बोली लगती है। स्मार्ट मीटर घोटाला, पुल गिरने की घटनाएँ, और ब्यूरोक्रेसी में भ्रष्टाचार इसका साफ उदाहरण हैं। बिहार में ब्लॉक से लेकर सचिवालय तक सिर्फ वसूली और बंटवारे का खेल चल रहा है, जनता और विकास का नहीं।

कोसी क्षेत्र की उपेक्षाः पलायन और बाढ़ से बेहाल जनता

उन्होंने कहा कि सहरसा और कोसी क्षेत्र में पलायन बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार के पास इसे रोकने के लिए कोई ठोस नीति नहीं है। बाढ़ हर साल हजारों लोगों का घर उजाड़ देती है, लेकिन सरकार के लिए यह कभी चुनावी मुद्दा नहीं बनता।

जन सुराजः बिहार के लिए एक नया विकल्प

किशोर कुमार ने दावा किया कि बिहार की इन सभी समस्याओं का समाधान प्रशांत किशोर के नेतृत्व में बनी ‘जन सुराज पार्टी’ लेकर आई है। यह पार्टी गाँधी के आदर्शों और अंबेडकर के विजन पर चलते हुए हर गाँव और व्यक्ति के समग्र विकास पर जोर दे रही है। शिक्षा, रोजगार और पारदर्शिता पर ध्यान देकर बिहार की खोई हुई प्रतिष्ठा वापस लाने का यह एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रही है।

बिहार के लोग अब जागरूक हो रहे हैं। अब समय आ गया है कि वे अपने भविष्य और राज्य के विकास के लिए सही नेतृत्व का चयन करें, ताकि सच में ‘सशक्त और समृद्ध बिहार’ का सपना पूरा हो सके।

उपस्थित- किशोर कुमार, पूर्व विधायक, जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष सुरेंद्र यादव, ज़िला महामंत्री नवल किशोर सिंह, डॉ सुरेंद्र झा, विष्णु स्वरूप, युवा अध्यक्ष सोहन झा, डॉ नवनीत सिंह, रामचंद्र चौधरी, नरेश जायसवाल, अनुमंडल महिला अध्यक्ष नीलू देवी, अजय साह, फ़ैज़ूर रहमान, ज़िला प्रवक्ता पीयूष प्रसाद, यापुरा वाडर, सोनू सिंह, उपाध्यक्ष श्रवण कुमार, पारस कश्यप इत्यादि।

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