पत्रकार की हुई निर्मम हत्या पर युवाओं का कैंडिल मार्च
सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट—- बीते दिन आरा में दो पत्रकार की निर्मम हत्या कर दी गई। इससे पहले भी बिहार में एक पत्रकार की निर्मम हत्या कर दी गई थी जिस हत्याकांड में सूबे में सत्ता पर आसीन मुखिया पर शिकंजा कसा था। उस वक्त बिहार में नीतीश और लालू यानि महागठबंधन की सरकार थी।
बिहार में इस तरह की घटना कोई नई बात नहीं है जो कलम सरकार के विरोध में उठेगी उसे इसी तरह कुचल कर मौत के घाट उतार दिया जायेगा। यह मैं नहीं बल्कि विगत वर्षों में हुई पत्रकार की निर्मम हत्या से साफ स्पष्ट होता है। आरा की घटना ने सरकार पर सवालिया निशान लगा दिया है।
आखिर बिहार में कब तक पत्रकारों को इसी तरह सड़कों पर कुचलकर मौत के घाट उतार दिया जायेगा। यहां की सरकार को इसकी जवाबदेही लेनी पड़ेगी। पत्रकार की हुई निर्मम हत्या पर कई संगठनों ने दीप जलाकर उनकी आत्मा को शांति के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी क्रम में दानापुर के बिक्रम शहिद चौक पर सामाजिक राजनीतिक एवं पत्रकार की ओर से आरा में दैनिक भास्कर के संवाददाता नविन निश्चल एवं विजय सिंह की हत्या के विरोध में कैंडिल मार्च सह श्रधांजलि दी गई। सभा में शामिल होते तेजनारायण शर्मा , बहादुर कुमार संधीर कुमार युवा नेता, जनेश्वर सिंह , चन्दन कुमार , बिट्टू कुमार , शाहिल कुमार सूर्यनारायण सिन्हा , एवं अन्य लोग मौजूद थे।