बिहार के कोशी प्रभावित जिला सुपौल हमेशा ही किसी न किसी मुद्दे पर चर्चा में रहा है कभी बाढ़,कभी सुखाड़,कभी राजनीतिक उतार चढाव तो कभी भ्रष्टाचारी या फिर असामाजिक तत्वों की क्रियाकलाप को लेकर। विगत चार वर्षों से सुपौल जिले के राघोपुर स्थित श्री वरदराज पेरुमल देवस्थानम को लेकर बिहार का नाम चर्चा में आता रहा है।
रामानुज संप्रदाय द्वारा संचालित एवं राष्ट्रीय राजमार्ग-106 पर स्थित लगभग सोलह एकड़ में फैले इस देवस्थान की स्थापना का कार्य वर्ष 2004 में प्रारम्भ की गई जो वर्ष 2014 तक चलता रहा।30 अप्रैल 2014 को देवस्थान में भूदाता श्री जयनारायण मल्लिक के पुत्र डॉ पी के मल्लिक के व्यवस्था संचालन में देश के प्रथम वरदराज पेरुमल देवस्थानम,कांचीपुरम(तमिलनाडु) के संरक्षक श्री श्री 1008 गाद्यि स्वामी निवासाचार्य महाराज द्वारा विधिवत उद्घाटन किया गया।करोड़ों रूपये की लागत से बने राघोपुर देवस्थान परिसर एवं भवन बहुत ही शोभनीय है।देवस्थान में भगवान लक्ष्मी नारायण एवं माता लक्ष्मी की दशावतार भव्य मूर्तियों के साथ साथ परिसर में जगह जगह काफी संख्या में मूर्तिकारों द्वारा निर्मित विभिन्न तरह की मूर्तियां सुशोभित है।परिसर में विभिन्न प्रकार के फूलों की बागवानी के साथ साथ दुर्लभ फलदार पौधे भी लगाया गया है।देवस्थान द्वारा श्रद्धालुओं के लिए भोजन एवं प्रसाद,ठहरने के लिए सुविधाओं से लैस धर्मशाला,दवाइयाँ,गाड़ी पार्किंग की सुविधा आदि उपलब्ध है।देवस्थान के व्यवस्थापक डॉ पी के मल्लिक द्वारा क्षेत्र के मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप की राशि,मुफ़्त चिकित्सा शिविर(प्रत्येक रविवार) और दवाइयाँ,छोटे स्कूली बच्चों को स्टेशनरी,गरीब लड़कियों की शादी,अन्न-दान,शनिवार एवं मंगलवार को भोज आदि की व्यवस्था किया जाता है।महंत श्री श्री 1008 एस के रविचंद्रन ने बताया कि देवस्थान में प्रतिदिन हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के कारण परिसर भक्तिमय बना रहता है,पल पल निकलनेवाली मधुर देव-ध्वनि मन को हर्षित करती रहती है।देवस्थान में पिछले दो वर्षों में विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।