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ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा..

सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट —- सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर की नौकरी बॉर्डर पर तैनात सेना से कम नही है. सरकार की लापरवाही के खामियाजा भी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक को ही भुगतना पड़ता है. अस्पताल में दवाई या अन्य व्यवस्था उपलब्ध नहीं रहने पर बिहार की गरीब और भोली भली जनता डॉक्टर को पीटने से कभी पीछे नही हटती. लेकिन जब कुरता पैजामा वाले को देखा नही की जिंदाबाद फलना बाबु जिंदाबाद के नारे लगाने लगते है. 

ताज़ा घटना शेखपुरा जिला की है जहाँ अरियरी गांव में एक जख्मी व्यक्ति की मौत पर ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा। आक्रोशित लोगों ने सरकारी अस्पताल में ताला जड़ दिया और पीएचसी में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। घटना का पता चलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और डॉक्टर की जान बच पायी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि डॉक्टर ड्यूटी से नदारद रहते हैं और एंबुलेंस चालक शराब के नशे में रहते हैं जिसके कारण समय पर मरीज को अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका और सड़क हादसे में घायल वृद्ध की मौत हो गई.

 

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