घुस की हवस ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पहुँचाया सलाखों के अंदर

सभी विभागों में पैसा का लेनदेन दलाल करता है….
कार्यालयों में घूसखोरी चरम पर ………
खाना पूर्ति के लिए छोटी मछली को फंसाया जाता रहा है…..
इस दफे बड़ी मछली हाथ लगा है …..
सुपौल से अमित वत्स जी की रिपोर्ट ———सुपौल जिले में पदस्थापित जिला शिक्षा पदाधिकारी मो. हारून को निगरानी विभाग ने बुधवार को दस हजार रुपये रिश्वत लेते हुसैन चौक स्थित उनके आवास से रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। जहां एक तरफ निगरानी विभाग के इस कार्रवाई को लेकर जिले के शिक्षा विभाग सहित कई विभाग में हरकंप मच गया है वहीं दूसरी तरफ उनके कार्यकाल में प्रभावित शिक्षकों में अंदर ही सही पर खुशी का अनुभव जरूर किया जा रहा।
गौरतलब है कि बहुत दिनों के बाद आज जिलास्तर के पदाधिकारी निगरानी के हाथ चढ़ा है. जानकारी के मुताबिक पिपरा प्रखंड स्थित दीनापट्टी में संचालित एक मदरसा का जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा गत दिनों निरीक्षण किया गया था। इस दौरान कुछ गड़बड़ियां मिली थी। इसको लेकर मदरसा के शिक्षकों से DEO मो. हारुन गड़बड़ी को ढ़कने व कार्रवाई नहीं करने के बदले में 50 हजार रुपये डिमांड किया था।
बहरहाल मदरसा चला रहे शिक्षक ने डीईओ से इंस्टॉल में पूरा अमाउंट देने की बात कर ली थी। इसी बीच वे निगरानी विभाग के पटना दफ्तर गए और उन्होंने एक आवेदन विभाग को दिया। आवेदन के आधार पर निगरानी विभाग के अधिकारी जाल तैयार कर सुपौल पहुंचे। जहां जिला शिक्षा पदाधिकारी के आवास पर घूसखोरी के जुर्म में रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोच लिया गया । इस घटना से के बाद तो यही अनुमान लगाया जा रहा है कि निगरानी टीम की कार्रवाई से बहुत सारे शिक्षकों का स्टॉलमेंट जो मो.हारून को देना पड़ता अब वह नहीं देने पड़ेंगे ।
जाहिरतौर पर इस हारून के तरह कई ऐसे हारून है जो अपनी मर्यादा को ताक पर रख घूसखोरी को अंजाम दे रहा है. बहुत दिनों के बाद ऐसा हुआ की वरीय स्तर के पदाधिकारी निगरानी के हाथे चढ़ा है. सरकारी दफ्तरों में दलालों का बोलबाल चरम पर है जो पैसे की उगाही कर पदाधिकारियों को मोटी रकम देकर अपना भी माला माल हो रहा है.और जनता को भ्रष्टाचार के नाम पर नए नए सपने दिखाए जा रहे है है.