जगदीश आज भी जिन्दा है
समस्तीपुर से लक्ष्मी प्रसाद की रिपोर्ट —— समस्तीपुर ग्रामीण थाना क्षेत्र कोरबद्धा निवासी जगदीश सहनी की हत्या के आरोप में कई लोग न्यायालय का दौर लगा रहे हैं परन्तु जगदीश आज भी जिंदा हैं। यह खुलासा शनिवार की रात पुलिस अधिक्षक नवल किशोर सिंह ने दलसिंहसराय वी. आई. पी. कॉलोनी डकैती सह जगदीश हत्या कांड में निरीक्षण के दौरान दलसिंहसराय थाने पर मीडिया से बातचीत के दौरान की।
उन्होंने बताया की जगदीश सहनी साईकिल चोरी के मामले में दलसिंहसराय पुलिस के गिरफ्त में हैं। इस खुलासा ने पुलिस के सामने अनेक चुनौती खड़ी कर दी हैं। ज्ञात हो की शुक्रवार को भमरुपुर गाँव से एक बोरा बन्द सिरकटी लाश मिली थी। अपराधियों के इस चमत्कारी घटना ने पुलिस क्या परिजनों को भी भ्रम में डाल दिया।जबकि जगदीश के पिता नीरस सहनी एवं उसके दोस्तों ने उस लाश को जगदीश की लाश मानने से इनकार कर दिया था। राम सुरेश महतो ने जगदीश की माँ को मथरापुर थाने में पकड़ाने की बात बतलायी थी।मगर इनलोगो की बात को नजरअंदाज कर उसकी पत्नी और माँ के हैया-दैया करने पर लोगो ने जगदीश की लाश मानकर पोस्टमार्टम के उपरांत उसका दाहसंस्कार कर दिया।लोग तो लोग मगर पुलिस भी अधिक मसक्कत करना वाजिब क्यों नही समझी यह भी एक रहस्य हैं ?
बताया गया हैं की जगदीश की माँ ने पूर्व मंत्री रामाश्रय सहनी (कोरबद्धा)के तीन पुत्र मुकेश, सुनील एवं राम विशेष समेत विपत दास भमरुपुर एवं संजीत महतों व राम सुरेश महतों (कोरबद्धा)के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिनमे से रामसुरेश महतों गिरफ्तार भी किये गए।
गौरतलब हैं की इन्हीं छह लोगों को नामजद क्यो बनाया गया ?क्या पूर्व मंत्री रामाश्रय सहनी के परिवार से पहले से कोई रंजिश थी अथवा किसी कूटनीतिक प्रेरणा से नामजद बनाया गया ?इन सभी सवालो का उत्तर आखिर पुलिस को ही खोजना हैं।इस खुलासा से एक महत्वपूर्ण सवाल यह भी खड़ा होता हैं की आखिर वह किसकी लाश थी ? उसकी हत्या कहा हुई ? हत्या किसने की ? इन रहस्यों के उदभेदन के बाद ही सच्चाई का पता चल सकेगा। निरीक्षण के दौरान पुलिस अधिक्षक एवं एस.डी.पी.ओ संतोष कुमार ने शीघ्र दोनो मामले के स्पष्ट होने का आश्वासन दिया हैं।