कोशीबिहार की खबरेंसहरसा

रौंगटे खड़े करने वाली हकीकत

सनसनी…सनसनी….और सनसनी
धरती के भगवान बने हैं सौदागर
बिहार के सहरसा जिले में बिकते हैं मरीज
दलालों की बड़ी खेप का रोजाना का है बड़ा कारोबार
5000 रुपये तक में मरीजों की कर रहे हैं बिक्री



सहरसा से मुकेश कुमार सिंह का हैरतअंगेज खुलासा—-

सहरसा : क्या आपको इस बात का यकीन होगा कि बिहार के किसी जिले में मरीजों के सौदागर बसते हैं ? क्या आपको यकीन होगा कि कहीं पर गम्भीर से गंभीर मरीजों की बिक्री होती है ?रौंगटे खड़े करने वाली यह बाजीगरी बिहार के सहरसा जिले में जो कि कोसी प्रमंडल का मुख्यालय भी है,जमकर हो रही है ।इस बड़ी घटना को ना तो स्वास्थ्य महकमा और ना ही पुलिस–प्रशासन ही रोकने की कोशिश कर रहा है ।
आईये हम आपको इस गोरखधंधे को करीने से बताते हैं ।दूर–दराज,ग्रामीण और कस्बाई इलाके से मरीज कोसी इलाके के पीएमसीएच कहे जाने वाले सदर अस्पताल आते हैं ।लेकिन किसी भी मर्ज के लिए यहां सिर्फ दर्द की सुई और स्लाईन की बोतलें मिलती हैं । यहां पर दर्जन भर से ज्यादा दलाल सक्रिय हैं ।

इसके अलावा आशा कार्यकर्ता और उसके पति अलग से तैनात रहते हैं । इनका काम होता है कि ये मरीजों के परिजन को बेहतर ईलाज का हसीन शब्जबाग दिखाते हैं ।मरीजों को तरह–तरह की सुविधा और जान बचाने का झांसा देते हैं ।इन दलालों की सहरसा मुख्यालय स्थित विभिन्य नर्सिंग होम से सांठगांठ होती है । ये अस्पताल से मरीज को नर्सिंग होम पहुंचाते हैं और नर्सिंग होम प्रबंधन से मरीज की क्वालिटी के हिसाब से दलाली लेते हैं । आशा कार्यकर्ता और उसके पति गांव से सीधे किसी नर्सिंग होम ही पहुंचते हैं और मरीज के एवज में दलाली की रकम लेते हैं । इस दलाली में रिक्सा वाला, ऑटो चालक, ई रिक्सा चालक और प्राइवेट एम्बुलेंस चलाने वाले भी शामिल होते हैं। यह धंधा 500 से शुरू हुआ था और आज 5000 तक पहुंच गया है।

जिला मुख्यालय में दो दर्जन से ज्यादा बड़े नर्सिंग होम हैं, जिसमें कुछ को छोड़कर यह कारोबार जोर–शोर से चल रहा है । दलाल मरीज की टोह में दिनभर अस्पताल या सड़कों की खाक छानते रहते हैं । हम अपने इस आलेख के माध्यम से सभी नर्सिंग होम के संचालक को आगाह और खबरदार कर रहे हैं,की वे अपने इस घृणित रवैये में तब्दीली लाएं और मरीज की खरीद–फरोख्त को बंद करें । हमारे पास दलालों के बयान कैमरे में कैद हैं कि वे किस नर्सिंग होम में मरीजों को कितने में बेचते हैं । हमने सभी किस्म के दलाल के बयान अपने पास सुरक्षित रखे हैं । हम अपने इस आलेख के माध्यम से धरती के भगवान को अपनी पहचान को बनाये रखने का मौका दे रहे हैं । अगर धरती के भगवान नहीं सुधरे,तो हम उन्हें जनता के बीच इस तरह नंगा करेंगे कि वे ईलाज जैसे पवित्र धंधे से तौबा कर लेंगे ।
इस गोरखधंधे में जेनरल सर्जन,ऑर्थोपेडिक सर्जन,गायनोक्लोजिस्ट,विशेष सर्जन सहित फिजिशियन भी शामिल है ।दलालों के हाथों से मरीज को खरीदकर,ये डॉक्टर आईसीयू, वेंटिलेटर,तरह –तरह की जांच,कई दिनों तक मरीज को भर्ती रखकर और तरह–तरह की दवा, इंजेक्शन और स्लाईन के नाम पर मोटी रकम की उगाही करते हैं ।गरीब मरीज के परिजन अपनी जमीन और मवेशी बेचकर अपने मरीज का ईलाज करवाते हैं ।
हद तो तब हो जाती है,जब कुछ दिनों तक मरीजों को रखकर मरीज को और बीमार बनाकर उसे बाहर रेफर कर दिया जाता है ।रेफर करने से पहले नर्सिंग होम प्रबंधन मरीज के परिजन से पाई–पाई वसूल लेते हैं ।यानि अपना सबकुछ लुटाकर भी बहुतों मरीज को पटना, दरभंगा या अन्यत्र लेकर जाना ही पड़ता है ।धरती के भगवान हो जाओ होशियार,नहीं तो होगा बंटाधार ।हमें पूरा यकीन है कि हमारे इस आलेख से डॉक्टर के भीतर का सोया इंसान जरूर जागेगा और मरीज की खरीद–बिक्री बन्द होकर रहेगी ।हमने किसी डॉक्टर विशेष का इस आलेख में अलग से जिक्र नहीं किया है ।
इसका मतलब साफ है कि हम जनहित में डॉक्टरों को सचेत कर रहे हैं ।हमें उनसे कोई व्यक्तिगत फायदा और कोई बीच के किसी सौदे की जरूरत नहीं है ।लेकिन अगर वे अपनी आदत से बाज नहीं आएंगे,तो हम उनके नाम का एक–एक कर खुलासा करेंगे ।दुश्मनी बड़ी से बड़ी हो,हम उसे हर हाल में ,झेलने को तैयार मिलेंगे ।आज इतना ही ।आगे सुधार नहीं होने पर हम करेंगे बड़ा विस्फोट और बड़ा धमाका…….

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