
सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट —- स्थानीय शंकर चौक स्थित पोखर के प्रांगण में सात दिवसीय श्री मदभागवत कथा के तीसरे दिन सैकड़ों भक्तों ने कथा सागर में डुबकी लगाकर हरि कथा का आनंद लिया। वृंदावन से आए वृजेश कृष्ण जी महाराज ने अपने मुखारविंद से हरि भक्तों को भागवत कथा की महत्ता बताते हुए मोक्ष प्रप्ति का मार्ग बताया। उन्होंने कथा वाचन के क्रम में भक्तों से कहा कि भगवान हरि विष्णु जगत के पालन हार है।इनकी भक्ति से मानव का जीवन अगले सात जन्मों तक सफल हो जाता है। हरि भक्ति ही मोक्ष का मार्ग प्रसस्त्र करती है। धर्म के मार्ग पर चल कर ईश्वर को पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिन, हीन, गरीब व असहाय प्राणियों में ईश्वर का वाश होता है। सम्पन्न व सक्ष्म लोगों को इनकी सेवा और सहायता करनी चाहिए। इसलिए कहा भी जाता है नर सेवा ही नारायण सेवा है।


कथा के दूसरे दिन महाराज जी ने भगवान शिव व सुखदेव जी का प्रसंग भक्तों को सुनाया। भागवत कथा सुनने आये लोगों से महाराज जी ने सृष्टि के संतुलन,कल्याण और मानव जीवन के अस्तित्व को जीवंत रखने के लिए बेटियों को बचाने का आह्वाहन किया। इस अवसर पर श्रद्धालु देर संध्या तक भागवत ज्ञान का रसपान करते रहे। आरती उपरांत तीसरे दिन की कथा को महाराज जी ने हरी आज्ञा से विराम दिया।
(S.k.s)