कोशीसहरसा

प्रगति क्लासेज भर रहा है ऊँची उड़ान…..

कम समय में सफलता का लहरा रहा है परचम…..
नए सत्र में 75 छात्र–छात्राओं का हुआ है नामांकन…..
15 मई से होगा दूसरे सत्र का नामांकन……
मोहम्मद मुजाहिद की रिपोर्ट—-
सहरसा : सहरसा के रिफ्यूजी चौक स्थित प्रगति क्लासेज लगातार सफलता की नयी सीढियां चढ़ रहा है ।इस वर्ष सात छात्र–छत्राओं ने Jee Mains में सफलता हासिल कर इस संस्थान के महत्व को पूरी तरह से काबिज कर दिया है । सफल छात्र–छात्राओं में प्रदीप कुमार, अदिति प्रिया, नवजीवन भारती, उमेश कुमार यादव, सुमन सौरव, राजेश कुमार और नीतीश कुमार शामिल हैं जबकि तीन छात्रों का एडमिट कार्ड में कुछ विसंगति के कारण रिजल्ट अभी पेंडिंग में है । बताते चलें की 5 मई 2014 को प्रगति क्लासेज की स्थापना हुयी थी ।पहले वर्ष इस संस्थान से 2 दूसरे वर्ष 5 और इस वर्ष सात बच्चों ने अभीतक सफलता हासिल की है ।पूछने पर संस्थान के एकेडमिक डायरेक्टर डॉक्टर चन्दन कुमार कहते हैं की हमारे यहां तमाम पिछड़े जिलों के बच्चों के साथ–साथ भागलपुर के भी बच्चे नामांकन करवा रहे हैं लेकिन पूर्व में बेहतर शिक्षा और बेहतर परवरिश के अभाव में सफलता का ग्राफ थोड़ा कम है ।अगर इलाके के अभिभावक और बच्चे थोड़े सजग हो जाएँ तो,वे सफलता की नयी ईबारत लिखेंगे ।

प्रगति क्लासेज में शिक्षा देने वाले लगभग सभी गुरुजन बिहार से बाहर के हैं और बड़े संस्थान से ऊँची डिग्री हासिल किये हुए हैं ।अभी इस नए सत्र में अभी तक 75 बच्चों का नामांकन हुआ है जिसमें 47 लडकियां हैं ।15 मई से दूसरे नए सत्र का आरम्भ होगा ।आज हम आपको प्रगति क्लासेज के एक युवा प्रतिभावान गुरूजी से आपका साक्षात्कार कराने जा रहे हैं ।ये श्रीमान हैं आशीष सूरा ।राजस्थान के रहने वाले हैं और भोपाल से NIT हैं ।अब आप समझिये की राजस्थान से चलकर ये सहरसा जैसे कस्बाई इलाके में ज्ञान परोस रहे हैं ।यहां बच्चों को ये कैमेस्ट्री पढ़ाते हैं ।बिना किसी दुर्व्यसन के शिकार चमकते दांतो से ये जब बातें करते हैं,तो,लगता है कीगुरुकुल के किसी आचार्य से हमारा संवाद हो रहा है ।

पूछने पर यह कहते हैं की उनका एकमात्र ध्येय गरीब बच्चों को आसमान पर पहुंचाना है ।हमने निशा,स्वाति,दामिनी,श्वेता, साकेत,अनिमेष,विकास,सुशील सहित कई बच्चों से आशीष सूरा के सम्बन्ध में बातचीत की ।सभी ने समवेत स्वर में कहा की वे अपने जीवन में इतने शालीन और प्रतिभावान गुरु को कभी भी नहीं देखा था ।वे सूरा जी जैसे गुरु को पाकर धन्य हैं ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close