राजा कुमार की रिपोर्ट—
सहरसा समाहरणालय ठीक सामने सोमवार को जिला परिवहन पदाधिकारी के खिलाफ आक्रोशपूर्ण धरना के माध्यम से जिला पदाधिकारी सहरसा को ध्यान आकृष्ट कराते हुए भाजपा नेता प्रवीण आनंद ने कहा कि वर्तमान समय सुशासन का है और सहरसा के वर्तमान जिला परिवहन पदाधिकारी का नंगा नाच चरम पर है ।आम-अवाम परेशान ही नहीं,दुखी भी हैं ।आम-अवाम के साथ यह अधिकारी दुर्व्यवहार भी करते हैं ।इनका कार्यालय एक चलती-फिरती दुकान है ।आलम यह है कि यहां के किरानी और चपरासी भी गाड़ी पकड़ते हैं और मनमानी तरीके से फिर मोलभाव होता है
पान की दुकान पर लेन-देन होता है ।एक गाड़ी को तीन बार चार बार पकड़ा जाता है। रोज इनके कार्यालय में मारपीट होती रहती है ।अब आम-अवाम में घर-घर में चर्चा है कि नीतीश जी की सरकार में अफसरशाही चरम पर है ।आपको बता दें कि ये डीटीओ खुद को माननीय मंत्री ललन सिंह का रिश्तेदार बताता है,और इनका कहना है कि मेरा कौन क्या बिगाड़ लेगा ।आज इस अधिकारी की गलत नीतियों के चलते सरकार के खिलाफ एक गंदा संदेश जा रहा है ।
प्रवीण आनंद ने कहा कि महाशय ये अधिकारी आपके नाम को बेच रहा है,बदनाम कर रहा है।वहीं श्री राष्ट्री राजपूत करणी सेना के बिहार-झारखंड के मुख्य संगठन प्रभारी मुकेश सिंह ने धरना को सम्बोधित करते हुए कहा कि डीटीओ अपनी मर्जी से राज्य मुख्यालय चले जाएं ।उनकी कुर्सी वहां की शोभा बढ़ाएगी ।श्री सिंह ने कहा कि इस अधिकारी की पोस्टिंग किसी भी जिले में नहीं होनी चाहिए ।ये जहां जाएंगे,वहां घूसखोरी को संस्कृति बना देंगे ।वे आम गरीब जनता को चूसना बंद करे ।ये जनता के शोषण करने वाले अधिकारी हैं ।सहरसा की जनता ये शोषण कभी नही सहेगी ।उन्होंने कहा कि जनता आपकी गुलाम में नहीं है बल्कि वे जनता के नौकर हैं ।वे अपनी मर्यादा में रहकर काम करे। सौरभ जोरवाल जैसे पदाधिकारी के तबादले के दौरान पूरे सहरसा की जनता रो पड़ी थी ।आखिर क्या कारण था ? क्या वो आसमान से टपके थे…वो भी पदाधिकारी भी इसी समाज के थे ।उनको पिछले दरवाजे से कमाने की चाह नहीं थी ।वो काम करना जानते थे ।सहरसा के लोगों ने उन्हें सर आंखों पर बैठा लिया था ।यदि आप को रहना हो तो सही से रहें ,अन्यथा आप अपना बोरिया-बिस्तर अपने स्तर से बांध लें ।कहीं हमलोगों को बांधना पड़ेगा तो आपकी जो बची खुची ईज्जत है,वह भी चली जायेगी ।डीटीओ भगाओ अभियान समिति के बैनर तले एक प्रतिनिधिमंडल प्रभारी जिलाधिकारी से मिला जिसमें निम्नलिखित मांग पत्र सौंपते हुए यह ध्यान आकृष्ट कराया गया कि दंड शुल्क तालिका को आम जन में सार्वजनिक करवाया जाए,चालान काटने के बाद अधूरे कागजात को अप टू डेट किया जाए। यह निर्देश दिया जाए कि गाड़ी जांच करने और पकड़ने के लिए कौन-कौन अधिकृत अधिकारी हैं ।गाड़ियों का ऑन द स्पॉट निपटारा किया जाए ।पेपर दिखाने के बाद परेशान ना किया जाए । टेंपो चालकों को बेवजह परेशान ना किया जाए एवं एजेंटों के माध्यम से अवैध वसूली को रोका जाए । ट्रकों के चालक द्वारा सही कागजात दिखाने के बाद भी तानाशाही से उगाही करना बंद करें ।स्वामित्व प्रमाण पत्र चालक लाइसेंस के नाम पर लोगों को रिश्वत नहीं देने पर कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी कार्य नहीं करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई सुनिश्चित किया जाए ।ट्रैक्टर वाहन को जबरन नियम कानून के विरुद्ध कागजात दिखाने के बाद भी जप्त करना व लोगों से वाहन चालक लाइसेंस हेतु तकनीकी जांच करवाई जाती है ।इसे सही किया जाए। इनके कार्यकाल का राजस्व वसूली व अवैध वसूली का राज्य स्तरीय कमेटी से जांच करवाया जाए ।डीटीओ के सेवा पूर्व एवं सेवा अवधि में चल-अचल संपत्ति की जांच करवाई जाए तो अवैध उगाही का पता चल जाएगा ।इस अधिकारी के लिए नियम-कानून कोई मायने नहीं रखता है ।मंत्री का रिश्तेदार होने के नाते यहनंगा नाच मचाए हुए है ।उन्होंने कहा है कि अगर सचमुच में सुशासन है तो इसे अविलंब सहरसा से हटाया जाए नहीं तो यह अधिकारी सरकार को और बदनाम कर देगा जिसका असर आपको चुनाव में साफ दिखेगा।।